
प्रिय अचूक वचन के विश्वासियों,
इन सात कलीसियाओं के युगों को सुनना और पढ़ना कितना अद्भुत रहा है। हर एक सन्देश के साथ जिसे हम सुनते हैं, हर एक अध्याय जिसे हम पढ़ते हैं, जो हमें और अधिक प्रकाशन को दे रहा है। हम हर एक कलीसियायी युग में से होते हुए स्वयं को स्पष्ट रूप से आगे आते हुए देखते हैं…उसकी दुल्हन, जो मूल वचन के साथ बनी रही।
सारे युगों में से होते हुए हम स्पष्ट रूप से दो आत्माओं को देखते हैं; शैतान का छल-कपट और झूठ, परमेश्वर के वचन को घुमा-फिरा कर सामने रखना, भरमाना, भ्रष्ट करना और लोगों पर अधिकार करना। लेकिन हर समय परमेश्वर के लोगों का छोटा सा विश्वासयोग्य झुण्ड था, उसकी दुल्हन, हर एक वचन को थामे हुए।
लोगों को हमेशा एक ही चेतावनी दी गयी है, आपको अवश्य ही वचन के साथ बने रहना है। जिस क्षण आप उस वचन के पीछे से हट जाते हैं, आप शैतान के बड़े जाल में फंस जाते हैं; जैसा हव्वा ने आरम्भ से किया था। वह वचन का उपयोग करने में विफल हो गयी। आदम सीधे वचन की आज्ञा के अंदर रहने में विफल रहा। लेकिन यीशु, अपने निजी जीवन में, स्वयं से संघर्ष करते हुए, परमेश्वर के वचन के प्रति आज्ञाकारिता के द्वारा विजयी हुआ।
उसने कहा कि यदि हम उसके सिंहासन में बैठना चाहते हैं, तो हमें अवश्य ही वो जीवित वचन होना है। हमारी प्रार्थनायें, उपवास, या यहाँ तक कि हमारा पश्चाताप हमें उस सौभाग्य को नहीं देगा। इसे केवल वचन दुल्हन के लिए दिया जाएगा।
ऐसी बहुत कुछ बातें है जो मैं कहना चाहता हूँ, और उन परिच्छेदो को मैं आप में से हर एक के साथ साझा करना पसंद करूँगा; इसका अंत नहीं है। मैं जानता हूं कि यह संदेश आप हर एक जन के ह्रदय में जल रहा है और आप हर एक वचन से प्रेम करते हैं, जैसे मैं करता हूँ। हम केवल यही करना चाहते है वो ये है कि इसके बारे में बात करे और संगति करे। हम चाहते हैं कि संसार जान जाए: हां, हम टेप सुनने वाले लोग हैं। हां, हम बटन को दबाकर चलाते हैं। हाँ, हम विश्वास करते हैं कि टेप पर जो आवाज़ है वह दुल्हन को सिद्ध करने जा रही है। हाँ, टेप दुल्हन को एक कर देगा। हां, बटन को दबाकर चलाना ही परमेश्वर की सिद्ध इच्छा है। हाँ, मैं उसकी दुल्हन हूँ।
मैं जानता हूं कि मैं अपने आप से बहुत पत्रों के द्वारा इस बात को दोहरा रहा हूं, लेकिन मैं बहुत खुश हूं, बहुत ही धन्यवादित हूं, बहुत ही निश्चित…यह बिल्कुल बिना संदेह या विवाद के है, यह उसकी दुल्हन के लिए परमेश्वर की योजना है।
हर एक संदेश के साथ जो हम सुनते हैं, हम अचंभित होकर सोचने लगते हैं, वे भला कैसे देख, पढ़ और सुन नही सकते है जो हम सुन रहे हैं? यह ठीक वहां टेप के बाद, टेप के बाद, टेप में है। यह मुझे उनसे ऐसा कहने जैसा महसूस कराता है जैसे यीशु ने नीकुदेमुस से कहा: “तू इस्त्राएलियों का गुरू हो कर भी क्या इन बातों को नहीं समझता?”
अब सुनना कि दूत इसे कितना सरल बना देता है।
केवल मनुष्य के व्यवहार के आधार पर, हर कोई जानता है कि जहां पर बहुत से लोग होते हैं वहां पर एक प्रमुख सिद्धांत के कम बिंदुओं पर भी अलग-अलग विचार होते है जो वे सभी एक साथ रखते हैं ।
केवल मनुष्य के व्यवहार पर, किसी आत्मिक समझ की आवश्यकता नहीं है, हर एक जन जानता है कि एक प्रमुख सिद्धांत के कम बिंदुओं पर दो लोगों के विचार अलग-अलग होंगे।
वे सभी सहमत हो सकते हैं और कह सकते हैं कि यदि वे जो कहते हैं उसे लोग नहीं करते हैं, या यदि वे उन्हें छोड़ देते हैं, तो विनाश आ जायेगा। लेकिन एक सच्चा भविष्यद्वक्ता हमेशा ही वचन की ओर अगुवाई करेगा और लोगों को यीशु मसीह के साथ जोड़ेगा और वह लोगों से यह नहीं कहेगा कि वे उससे डरे या जो वह कहता हैं उससे डरें, लेकिन उससे डरें जो वचन कहता है।
वचन क्या कहता है? मैं तुम्हारे पास एलिय्याह भविष्यव्यक्ता को भेजूंगा। आवाज देने के दिनों में। वहां एक वचन का भविष्यद्वक्ता होगा…केवल एक…क्योंकि परमेश्वर ने प्रकाशन को केवल उसी एक को सौंपा है। वो ही केवल एक है जो मेरी दुल्हन को वापस लौटायेगा।
बहुत सारी आवाजों और बहुत सारे विचारों और परिच्छेदो के साथ, कोई भला किस तरह से सुनिश्चित हो सकता है?
तब किसके पास अचूकता की सामर्थ होगी जिसे इस अंतिम युग में लौटाया जाना है, क्योंकि यह अंतिम युग शुद्ध वचन दुल्हन के प्रकटीकरण के लिए वापस जायेगा?
यही है वो जिसे दुल्हन सुनना चाहती है, वही जिसके पास अचूकता की सामर्थ है; क्योंकि वही वो एक होगा जो दुल्हन को वापस लौटायेगा। उसके विचार अलग-अलग नहीं होंगे, वो वचन है।
प्रश्न: प्रभु, हम जानना चाहते हैं, वह कौन सा व्यक्ति है जिसके पास अचूकता के वचन होंगे?
मैं आपको बताऊंगा कि ये किसके पास होगा। यह एक भविष्यद्वक्ता होगा पूरी तरह से प्रमाणित, या जो यहाँ तक कि हनोक से लेकर आज तक के सभी युगों में किसी भी भविष्यद्वक्ता की तुलना में और अधिक पूरी तरह से प्रमाणित होगा, क्योंकि इस मनुष्य के पास अनिवार्य रूप से सिरे के पत्थर के भविष्यव्यक्ता की सेवकाई होगी, और परमेश्वर उसे आगे दिखाएंगा। उसे अपने आप के लिए बोलने की आवश्यकता नहीं होगी, , परमेश्वर उसके लिए चिन्ह की आवाज के द्वारा बोलेगा। आमीन।
उत्तर: विलियम मेरियन ब्रंहम।
मुझे आप जो चुनी हुई दुल्हन है आज प्रोत्साहित करने दो। आप मूर्ख नहीं बन सकते, और आप मूर्ख नहीं बनेंगे। क्या आपने इसे समझा? कोई भी मनुष्य आपको मुर्ख नहीं बना सकता है। यदि पौलुस गलत होता तो वह किसी चुने हुए को मूर्ख नहीं बना सकता था। यहाँ तक इफिसुस के पहले कलीसियायी युग में भी, चुने हुओं को मूर्ख नहीं बनाया जा सका। उन्होंने झूठे प्रेरितों और भविष्यद्वक्ताओं को परखा और उन्हें झूठा पाया, और उन्हें बाहर निकाल दिया।
महिमा दुल्हन…आप उसकी भेड़ें हैं और आप उसकी आवाज को सुनते हैं और आप उसके पीछे-पीछे चलते हैं। आप जीवित वचन दुल्हन हैं!!
इन वचनों को जानने से बढ़कर कुछ भी नहीं है। अपने ह्रदय और प्राण में जानना, कि आप उसकी दुल्हन हैं। संसार जिस दिन की प्रतीक्षा कर रहा था वो दिन आ चूका है। दुल्हन अपने आप को पहचान रही है और उसके साथ एक हो रही है; हम परमेश्वर की नई सृष्टी हैं।
एक बार फिर से मैं आपसे विनती करता हूं, जहां भी आप रविवार को इकट्ठा होते है, परमेश्वर की आवाज को सुनें। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कौन सा संदेश सुनते हैं जब तक आप परमेश्वर की प्रमाणित आवाज को सुन रहे हैं। वो आवाज वही आवाज थी जिसे परमेश्वर ने बुलाया और अपनी दुल्हन को लौटाने और इकट्ठा करने के लिए चुना।
सारी कलीसियाये, सारे लोगों के लिए, आप इस रविवार दोपहर 12:00 बजे जेफरसनविले समयनुसार हमारे साथ सुनने के लिए आमंत्रित हैं, जैसा कि हम सुनते हैं: लौदिकियन कलीसिया युग 60-1211ई।
भाई जोसेफ ब्रंहम