
प्रिय छोटे मसीहो,
हम परमेश्वर के अभिषिक्त जन हैं; उस एक ही आत्मा से, उन्हीं कामो के द्वारा, उसी सामर्थ के द्वारा, उन्हीं चिन्हों के द्वारा अभिषिक्त। यह उकाब से उकाब, वचन से वचन तक जा चूका है, इतना तक कि यीशु मसीह की परिपूर्णता हमारे प्रत्येक के शरीर में प्रकट हो चूकी है, भौतिक, आत्मिक के लिए, या जो कुछ भी हमें आवश्यकता है। वो जिलाने वाली सामर्थ हमारे अंदर जीवित है और वास कर रही है। हम परमेश्वर के छोटे मसीहा हैं।
हर एक सप्ताह, इस संदेश का प्रकाशन; हम कौन हैं, हम कहां से आए हैं, और हम कहां जा रहे हैं, यह और अधिक और अधिक समझ में आ रहा है। हम बड़ी अपेक्षा के साथ सोचते हैं, यह किस तरह से और अधिक महिमामय हो सकता है? यह और कितना साधारण हो सकता है? लेकिन हर नए टेप के द्वारा जो हम सुनते हैं, परमेश्वर हमसे सीधा-सीधा बातें करता है और उसके वचनों को और अधिक प्रकट करता है, और हमें भरोसा दिलाता है कि हम कौन हैं।
किसी भी विश्वासी के हृदय की सबसे बड़ी इच्छा परमेश्वर की सिद्ध इच्छा में होना है। हम कभी भी उसकी अनुमति वाली इच्छा में नहीं रहना चाहते। यदि हम महसूस करते है कि हमने ऐसा कुछ किया है जो परमेश्वर को अप्रसन्न करता है तो हमारा हृदय टूट जाता है और हम चूर-चूर हो जाते हैं। हम जानते हैं कि परमेश्वर की एक सिद्ध इच्छा है, और हम केवल उसकी सिद्ध इच्छा की योजना में रहना चाहते हैं।
मेरे जीवन में, मैं दृढ़ता से इस एक बात पर खड़ा हुआ हूं यह कहते हुए कि मेरा विश्वास है कि दुल्हन का हर एक सदस्य सबसे महत्वपूर्ण काम जिसे वो कर सकता है, समान रूप से सामान्यजन और सेवकाई दोनों को, बटन को दबाकर चलाना है। मैं विश्वास करता हूं कि यही हमारे दिनों के लिए परमेश्वर की एकमात्र प्रमाणित आवाज़ है जिसमें आपको अवश्य ही हर वचन को सुनना और उसका पालन करना है।
मैंने बताया है कि मेरा विश्वास है कि सेवकाई को भाई ब्रंहम को वापस उनके पुलपीट पर रखने और उनके कलीसियाओ में टेप को चलाने की आवश्यकता है, क्योंकि यही एकमात्र सबसे महत्वपूर्ण आवाज है जिसे लोगों को अवश्य ही सुनना चाहिए।
मुझे अपने जीवन में इस बात पर दृढ़ता से खड़े रहने के लिए बहुत ही आलोचना मिली है जिसे मैं उसकी योजना में होने और सिद्ध इच्छा में होने का विश्वास करता हूं। इसे गलत समझा गया है और कहा गया है कि मैं इफिसियों 4 की पांच प्रकार की सेवकाई में विश्वास नहीं करता।
मैंने बहुत सी बार, बहुत ही बार इसे व्यक्त किया है कि ये गलत बात है। मैंने ऐसा कभी नहीं कहा और न ही कभी भी ऐसा विश्वास किया है। ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्होंने मेरी बातों को तोड़-मरोड़ करके और लोगों को इस तरह से बातों को बताया हैं जिसे मैंने ना ही कभी कहा है या विश्वास किया है, लेकिन इसकी अपेक्षा की जा सकती है।
वहां एक बाइबल का वचन सत्य होना है। यदि आप दावा करते हैं कि आप इस संदेश पर विश्वास करते हैं, तो हमें भविष्यवक्ता के द्वारा कही गई बातों को अवश्य ही लेना चाहिए, क्योंकि यही परमेश्वर के वचन का अनुवाद है। क्योंकि वो उस वचन का एकमात्र अनुवादक है।
यदि मैं आप में से हर एक से पूछता था, “कौन परमेश्वर की सिद्ध इच्छा में होना चाहता है?” आप में से हर एक जन कहेगा, “हाँ, यही मेरे ह्रदय की इच्छा है।“ इसी प्रकार हमें यह देखना चाहिए कि भविष्यवक्ता ने जो कहा यह परमेश्वर की सिद्ध इच्छा है।
ध्यान दे: यदि टेप पर संदेश आपका परम सत्य नहीं है, और आप हर एक शब्द पर विश्वास नहीं करते हैं, तो इस पत्र को पढ़ना बंद करें। मेरे लिए, आप विश्वासी नहीं हैं, इसलिए यह आपके लिए नहीं है। मैं केवल उसी के साथ बने रह सकता हूँ जो परमेश्वर ने टेप पर कहा है।
हमें वो चाहिए जो उसने कहा; न कि कलीसिया ने क्या कहा, डॉक्टर जोन्स ने क्या कहा, ना ही किसी और ने क्या कहा। हम वही चाहते हैं जो यहोवा यों कहता है, ने कहा, जो वचन ने कहा है।
हमें अवश्य ही अपने आप को उसकी इच्छा और उसके वचन के अधीन कर देना चाहिए। हमें इस पर सवाल नहीं उठाना चाहिए। हमें बस इस पर विश्वास करना होगा। इसके इर्द-गिर्द एक रास्ते को खोजने की कोशिश ना करे। जैसा है इसे वैसा ही ले लो।
बहुत से लोग यहाँ-वहां जाना चाहते हैं और किसी और रास्ते में जाना चाहते हैं। यदि आप ऐसा करते हैं, तो परमेश्वर आपको आशीषित तो करेगा, लेकिन आप उसकी अनुमति की इच्छा में कार्य कर रहे हैं, न कि उसकी सिद्ध इच्छा, दिव्य इच्छा में। परमेश्वर आपको कुछ करने की अनुमति देगा, और यहाँ तक ऐसा करने पर आपको आशीष भी देगा, लेकिन यह अभी भी उसकी सिद्ध इच्छा नहीं है।
परमेश्वर ने अपनी दुल्हन को बाहर बुलाने के लिए अपने सातवें दूत को धरती पर भेजा। हम विश्वास करते हैं कि यह मनुष्य का पुत्र था जो स्वयं को मनुष्य की देह में प्रकट कर रहा था। यह वही परमेश्वर की आवाज है जिसे उसकी दुल्हन के लिए रिकॉर्ड किया गया है और भंडार में इकठ्ठा किया गया है।
परमेश्वर ने स्वयं अपने भविष्यद्वक्ता को बताया, यदि तू लोगों को खुद पर विश्वास करने को लगाएगा, तो कोई भी बात तेरे मार्ग में खड़ी नहीं रह पाएगी। वह परमेश्वर के द्वारा उसकी दुल्हन की अगुवाई करने के लिए चुना हुआ था। उसके स्थान को कोई भी नहीं ले सकता। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कितने कोरह उठ खड़े होते है, या कितने दातान, यह विलियम मेरियन ब्रंहम ही थे जिन्हें परमेश्वर ने अपनी दुल्हन की अगुवाई करने के लिए बुलाया था। यही परमेश्वर की योजना और उसकी सिद्ध इच्छा है।
यदि लोग उसकी सिद्ध इच्छा में नहीं चलेंगे, तो उसके पास अनुमति देने वाली इच्छा होती है, वो आपको इसमें चलने देगा।
अब, परमेश्वर भला है…वह अपने वचन को भेजता है। यदि आप उसके वचन पर विश्वास नहीं करते हैं, तो वो कलीसिया में पाँच अलग-अलग कार्यस्थान को रखता है: पहला, प्रेरित, भविष्यव्यक्ता, शिक्षक, पास्टर, सुसमाचारक। वे कलीसिया को सिद्ध बनाने के लिए हैं।
इस प्रकार से, सेवकाई को केवल इसलिए ऊपर लाया गया क्योंकि सारे युगों में से होते हुए लोग परमेश्वर की सिद्ध इच्छा की योजना को स्वीकार नहीं करेंगे; उसका वचन उसके भविष्यव्यक्ता के द्वारा बोला गया। हमें केवल पूरी तरह से उस वचन पर विश्वास करना है जो परमेश्वर के भविष्यव्यक्ता ने बोला। हमें किसी भी और या कुछ भी और की जरुरत नहीं।
फिर सेवकाई का काम लोगों को उसकी सिद्ध इच्छा की योजना में वापस लाना है, जो है: टेप के साथ बने रहें, क्योंकि यही परमेश्वर की सिद्ध इच्छा है। उसके बाद उस सिद्ध इच्छा की योजना को हमेशा उनके सामने रखें: बटन को दबाकर चलाये।
आपको अवश्य ही वापस आना है और वहीं से आरंभ करे जहां आपने शुरू किया था, या जहां आपने छोड़ा था, और परमेश्वर के हर वचन को लेना है।
तो उसकी सिद्ध इच्छा में होने के लिए आपको क्या करना चाहिए: बटन को दबाकर चलाये ।
उसकी सिद्ध इच्छा में होने के लिए पास्टर लोगो को क्या करना चाहिए: बटन को दबाकर चलाये ।
परमेश्वर के भविष्यद्वक्ता ने क्या किया जब वो सभाओं में गया? केवल बीमारों के लिए प्रार्थना करने, और इस तरह की चीजें करने? वो बातों को इस तरह से कहता है कि भेड़ें उसे सुन लेगी, क्योंकि हम जानते हैं कि वो किस बारे में बात कर रहा है। नहीं तो, यह केवल कांटे पर लगा हुआ चारा था। उसने उन्हें चिन्हों को दिखाया जैसे विचारो को परखना, और उनके ह्रदय के भेदों को जानना, केवल लोगों को उत्तेजित करने के लिये। लेकिन फिर उसने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात क्या थी:
पहली बात जो आप जानते हैं, एक टेप उनके घर के अंदर लगाई जाती है। तब, इसने यह पकड लिया है। यदि वो एक भेड़ है, तो वह ठीक उसके साथ आता है। यदि वह बकरी है, तो वह टेप को बाहर कर देता है।
आप भेड़ हो या बकरी हो? परमेश्वर का छोटा सा झुण्ड उस वचन पर केन्द्रित होता है। हम बटन को दबाकर चलाने के द्वारा उसकी सिद्ध इच्छा में हैं, जैसा कि ये उसकी मूल योजना थी, और मूल योजना है।
ठीक उसके वचन के साथ बने रहें, क्योंकि यही है जो अंत में सामने आने वाला है, वचन, वचन दर वचन। “जो कोई उस में से एक बात घटाएगा, या उसमें एक बात जोड़ेगा!” इसे उस वचन के साथ बने रहना है।
मैं यह जानने के लिए प्रभु का बहुत धन्यवादित हूँ, आत्मिक प्रकाशन के द्वारा कि मैं उसके वचन के अनुसार उसकी सिद्ध इच्छा में हूँ। मैं इसमें अपने अनुवाद को नहीं जोड़ रहा हूं या इसमें अपनी समझ नहीं जोड़ रहा हूँ, लेकिन अपने कानों से सुन रहा हूँ कि यहोवा यों कहता है क्या है और उसकी सिद्ध इच्छा क्या है।
मैं आपको इस रविवार दोपहर 2:00 बजे जेफरसनविले समयनुसार हमारे साथ आकर और ढूंढने को जाने के लिए आमंत्रित करता हूं, जैसा कि हम सुनते हैं: क्या परमेश्वर कभी अपना विचार अपने वचन के प्रति बदलता है? 65-0418E । इस संदेश में बहुत सी बहुमूल्य चीजें हैं, जब हम सुन लेंगे तो आप उसकी पवित्र आत्मा में भरपूर हो जायेंगे।
भाई जोसफ ब्रंहम
संदेश को सुनने से पहले पढ़े जाने वाले वचन:
निर्गमन 19वा अध्याय
गिनतियों 22:31
संत मत्ती 28:19
लुका 17:30
प्रकाशितवाक्य 17वा अध्याय