रविवार
07 मई 2023
60-1206
स्मुरना कलीसिया युग

प्रिय सच्चे विश्वासियों,

हम इस्राएल की संतान के समान हैं जो मिस्र से बाहर आए और प्रतिज्ञा किए हुए देश से कुछ ही दूर रुक गए। हम सब ने एक साथ यात्रा की है। हम सभी ने परमेश्वर के उन्ही अद्भुत कार्यो को देखा हैं; सबने एक ही मन्ना और प्रहार की गयी चट्टान के जल के भागीदार हुए है। हम सभी ने दावा किया है कि हम अग्नि के स्तंभ के पीछे-पीछे चले हैं। लेकिन उस समय केवल दो ही प्रतिज्ञा किये हुए देश तक पहुँचे। क्यों? केवल दो ही सच्चे या वास्तविक विश्वासी थे। उस समय और अभी के बीच में क्या फर्क था? सच्चे विश्वासी वचन के साथ बने रहे।

केवल एक बहुत ही विशेष लोगों का झुण्ड है जो सुन सकता है कि आत्मा क्या कहता है। एक विशेष झुण्ड जो सच्चे प्रकाशन को ग्रहण करता है। वो झुण्ड o परमेश्वर का है । वे सुनते हैं कि आत्मा क्या कह रहा है और उन्होंने इसे ग्रहण किया है।

हम वो विशेष झुण्ड हैं जिनके पास परमेश्वर का आत्मा है। हम ही वो लोग हैं जो परमेश्वर से जन्मे हैं। हम ही वे हैं जिन्होंने प्रभु यीशु मसीह के देह के अंदर उसकी आत्मा के द्वारा बपतिस्मा लिया है।

आत्मा जो कहता है उसे सुनना ही सच्चा प्रमाण है। आत्मा बोल रहा है। आत्मा सिखा रहा है। बिल्कुल इसी बात को यीशु ने कहा कि जब वह आएगा तो ऐसा करेगा। यूहन्ना 14:26, “वह तुम्हें सब बातों को सिखाएगा, और जो कुछ मैंने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें याद दिलाएगा।“

यीशु ने हमसे प्रतिज्ञा की कि वह हम में से प्रत्येक के अंदर वास करेगा। वह व्यक्तिगत रूप से हमारा नेतृत्व, मार्गदर्शन और निर्देशन करेगा। लेकिन आज से 72 वर्ष पहले, परमेश्वर ने अपने सामर्थी दूत के द्वारा बात की और संसार के लिए घोषणा की, “मैं तुम्हारे लिए परमेश्वर की आवाज़ हूं”। उसने प्रत्येक जीवित प्राणी से कहा “मैं, पवित्र आत्मा, जिसकी एक आवाज है जिसका उपयोग मैं तुम लोगो से बात करने और अपने सभी रहस्यों को प्रकट करने के लिए करूंगा”। उसके पास उसकी रिकॉर्ड की हुई आवाज का कभी भी अवसर नहीं था जिससे कि हम उसकी आवाज को बात करते हुए सुन सके, सीधे हमसे होठो से कान में बोल सके।

टेपों पर उसकी आवाज को सुनते हुए आपको सोचने, आशा करने, या यहां तक कि प्रार्थना भी नहीं करना है जो आप सुन रहे हैं वह सत्य है। सभी को केवल जो करना है वो है बटन को दबाकर चलाना, और वे परमेश्वर की आवाज़ को सुन सकते हैं जो उनके लिए “यहोवा यों कहता है” को घोषित करती है।

क्या आपको चंगाई की आवश्यकता है: बटन को दबाकर चलाये। विवाह करना चाहते है: बटन को दबाकर चलाये। दफनाना चाहते है: बटन को दबाकर चलाये। आपके ह्रदय में एक सवाल है: बटन को दबाकर चलाये। आपके पास कोई ऐसी चीज है जिसमें से होकर आप गुज़र रहे हैं और आपको परामर्श लेने की आवश्यकता है: बटन को दबाकर चलाये। आप एक महत्वपूर्ण निर्णय को लेना चाहते है: बटन को दबाकर चलाये। नहीं जानते कि अपने जीवन के साथ क्या करना है: बटन को दबाकर चलाये और परमेश्वर की आवाज को सुने, उस पवित्र आत्मा को, जो आपसे सीधे होठो से कानो में बोलती है।

पवित्र आत्मा आज का भविष्यव्यक्ता है। उसने संसार को बताया, यह वो आवाज है जिसे मैंने तुम्हारे लिए अपनी आवाज होने के लिए पहले से ठहराया है। मैं दूसरों को अपनी पवित्र आत्मा से भर दूंगा, और मैंने उन्हें तुम्हारी सहायता करने के लिए भेजा है, लेकिन मेरे पास केवल एक आवाज है जिसे मैं अपनी आवाज होने के लिए घोषित करता हूं। मैंने यहाँ तक उसके साथ अपनी तस्वीर भी ली है ताकि दुनिया को यह साबित करूं, उसकी सुनो।

कृपया करके मुझे गलत मत समझना। हाँ, वहां परमेश्वर के अभिषिक्त पवित्र आत्मा से भरे हुए लोग हैं जिन्हें उसने अपने बच्चों की सहायता करने के लिए बुलाया है। मैं प्रार्थना करता हूं कि मैं उनमें से एक हूं। वे भी आपको परामर्श दे सकते हैं, आश्वासन दे सकते हैं और जीवन की यात्रा में आपका मार्गदर्शन कर सकते हैं। परमेश्वर ने उन्हें यहां एक उद्धेश्य के लिए रखा है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण परामर्श, आश्वासन और मार्गदर्शन जो आपको मिल सकते हैं वो है बटन को दबाकर चलाने के द्वारा आपसे बात करने वाली परमेश्वर की आवाज है। जो कुछ भी मैं आपको बताता हूँ, या कोई भी दूसरा व्यक्ति, ये अवश्य ही पहले टेपो पर परमेश्वर की आवाज़ से आना चाहिए।

आपके जीवन में इससे अधिक महत्वपूर्ण कुछ नहीं है कि आप परमेश्वर की आवाज़ को आपसे बात करते हुए सुनें। अपने आप से पूछें, क्या इस संसार में कुछ भी इससे बढ़कर है जो मैं कर सकता हूँ, या मैं परमेश्वर की प्रमाणित आवाज को सुन रहा हूं क्या इससे बढ़कर मेरे जीवन में कुछ महत्वपूर्ण है? मैं भाई जोसफ को सुन रहा हूँ, नहीं। मैं किसी और को सुन रहा हूँ, नहीं। उस आवाज से बढ़कर कुछ भी नहीं है।

यदि किसी के जीवन में कोई प्रकाशन है और पवित्र आत्मा है तो उन्हें कहना है आमीन। बटन को दबाकर चलाने से बढ़कर इस संसार में कुछ भी नहीं है।

इस अंत समय में हमें अवश्य ही उस वचन के साथ बने रहने के लिए कितना सावधान रहना चाहिए। पोप के शब्दों को कहता हूं, जो स्वयं को परमेश्वर का प्रतिनिधि होने का दावा करता है, जो कुछ बोला गया है उसके एक बिंदु या मात्रा को बदलने तक का दावा करता है। परमेश्वर की दृष्टि में, यह सब वचन-विरोधी, मसीह-विरोधी है।

हम शमूएल के दिनों के लोगों के जैसे नहीं बनना चाहते।

जब वे शमूएल के पास पहुंचे और राजा की मांग की। शमूएल इतना निराश था कि उसका हृदय लगभग हार सा गया था। परमेश्वर अपने लोगों को इस समर्पित, वचन के-प्रमाणित भविष्यव्यक्ता के जरिये से अगुवाई कर रहा था और उसने महसूस किया कि उसे अस्वीकार कर दिया गया था…

हम परमेश्वर के अद्भुत कार्यो, ज्ञान, व्यवस्था और सुरक्षा की सराहना करते हैं। हम इसमें विश्वास करते हैं। हम इसे पसंद करते हैं। और इसके अतिरिक्त हम बिना इसके नहीं रहना चाहते। यह बस इतना है कि हम चाहते हैं कि एक राजा हमें युद्ध में अगुवाही करे…

“…हम चाहते हैं एक ऐसा राजा जो हमारा नेतृत्व करने के लिए हम में से एक हो।“

और परमेश्वर ने शमूएल से कहा, देख, उन्होंने तुझे नहीं लेकिन मुझ को उन पर प्रभुता करने के लिए अस्वीकार किया है।

इसके विपरीत, हम महसूस करते हैं जैसे एलीशा, एलिय्याह से बात कर रहा था। एलिय्याह ने उसे साफ़-साफ़ कहा, (आज यह यही होगा जो उसने टेप पर कहा था) कि जब तक मैं ना जाऊं, तुम यहीं ठहरे रहना। एलीशा नहीं चाहता था, और ऐसा नहीं कर सकता था, उसके पास उसके दिन के लिए वचन का प्रकाशन था।

अब, हम उन्हें देखते हैं जब वे आगे यात्रा करते हैं, उस विद्यालय में आते हैं। और उसने कहा, “अब तुम यहीं ठहरे रहो। यहाँ पर रहो, और यही पर बस जाओ और धर्मशास्त्र के एक अच्छे शिक्षक बनो, और इत्यादि। और शायद हो सकता है तुम किसी दिन यहां के महाविद्यालय के अध्यक्ष बन जाओ। लेकिन मुझे थोड़ा और आगे की ओर जाना है।”

57 क्या आप कल्पना कर सकते हो कि परमेश्वर का एक जन किसी महाविद्यालय का अध्यक्ष बनकर संतुष्ट होगा, जब कि परमेश्वर की सामर्थ ठीक उसके पास ही रखी हुई थी जहां पर वह खड़ा था? जी नहीं, महाशय। उसने कहा, “जैसा कि प्रभु जीवता है और तुम्हारा प्राण जीवता है, मैं तुम्हें नहीं छोडूंगा।“ मैं इसे पसंद करता हूं। इसके साथ बने रहो, कोई फर्क नहीं पड़ता कितनी भी निराशा क्यों न हो, यहाँ तक कि यह तुम्हारी माँ, तुम्हारे पिता, या तुम्हारे पास्टर से भी आती है। उसके साथ बने रहें।

जैसा कि प्रभु जीवता है, मैं बटन को दबाकर परमेश्वर की आवाज के साथ बना रहूंगा, क्योंकि यह मेरे लिए यहोवा यों कहता है वाला वचन है।

आकर हमारे झुंड से जुड़े, रविवार दोपहर 12:00 बजे, जेफरसनविले समय के अनुसार, जैसा कि हम उसकी आवाज को सुनने के लिए इकट्ठा होते हैं और हमारे लिए इसके प्रकाशन को लाती हैं: स्मुरना कलीसिया युग 60-1206

भाई जोसेफ ब्रंहम

 

 


 

संदेश सुनने की तैयारी में पढ़ने के लिए वचन।

प्रेरितों के काम 20:27-30

प्रकाशितवाक्य 2:8-11