
प्रिय श्रीमती यीशु मसीह,
हम अपने नाम को किस तरह से बुलाना पसंद करते हैं। बस सोचे, हम वही हैं जिसके लिए वो आ रहा है। उस शाही प्रतिज्ञा पुत्र की एक शाही दुल्हन। अब्राहम उसका सर्वोच्च शाही बीज जो हर एक वचन के प्रति सच्चा और विश्वासयोग्य रहा है।
हमने किसी और शब्द के साथ व्यभिचार नहीं किया, या यहां तक कि खिलवाड़ भी नहीं किया है; हमने केवल अपने आप को शुद्ध रखा है और हर एक वचन के साथ बने रहे हैं।
आज संसार में बहुत सी अच्छी मसीही महिलाएं हैं, वफादार महिलाएं; लेकिन वहाँ केवल एक ही श्रीमती यीशु मसीह हैं। हम ही वो एक हैं जो उसके साथ घर जाते हैं। हम उनकी चुनी हुई पत्नी हैं।
उसने हमें अपने वचन में बताया कि वो एक बार फिर से आएगा, ठीक उसी तरह जैसे वो पहले आया था। और वहाँ पर वो खड़ा हुआ, अपने आप को मनुष्य देह में प्रकट करते रहा था, वचन को पढ़ते हुए और हमसे कह रहा था, “आज के दिन यह वचन तुम्हारी आँखों के सामने पूरा हुआ है,” और हमने उसे पहचान लिया, और उसकी श्रीमती यीशु मसीह दुल्हन बन गये।
ये हम पर प्रकट किया गया है कि वही परमेश्वर का पुत्र या एस-ओ-एन है जो पूर्व में आया और खुद को देह में प्रकट परमेश्वर के नाई प्रमाणित किया, ये पश्चिमी गोलार्ध में परमेश्वर का वही पुत्र या एस-ओ-एन है, जिसने अपनी दुल्हन के बीच अपनी पहचान को बनाया है। पुत्र के संध्या का उजियाला आ चूका है।
और यदि मैं किसी भी चीज के बारे में कोई सवाल पूछता हूं, तो उसका सही उत्तर होना चाहिए। वहां इसके आसपास कुछ तो उत्तर हो सकता है; लेकिन हर एक सवाल का एक सच्चा, सीधा उत्तर होना चाहिए। इसलिए, हमारे जीवन में आने वाले हर एक सवाल का एक सच्चा, सही उत्तर होना चाहिए।
हमारे दिनों में लोगों के बीच बहुत से सवाल और वाद-विवाद हैं।
- परमेश्वर के भविष्यव्यक्ता के टेपो को सुनना कितना महत्वपूर्ण है?
- हर एक वचन को सुनना और उस पर विश्वास करना कितना महत्वपूर्ण है?
- हमारा परम सत्य क्या है? क्या ये वही है जो उसने टेप पर कहा, या क्या पवित्र आत्मा हर एक व्यक्ति को यह तय करने के लिए नेतृत्व करता है कि वचन क्या है और क्या नहीं है।
- क्या हमारे पास एक मनुष्य होना है, या हमारे लिए इसे खोलने के लिए मनुष्यों का झुण्ड होना है?
- जब एलिय्याह भविष्यद्वक्ता को भेजता है उसके बाद क्या वचन यह कहता है, कि वह मनुष्यों के एक झुण्ड को भेजेगा, जो अवश्य ही आपको इसे समझाना चाहिए?
- क्या हमें किसी ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता है कि वचन का अनुवाद करे या इसे हमारे लिए खोल कर बताये?
- क्या हमें केवल अपने घरों में, कार में और पेट्रोल पम्प में टेपों को सुनना चाहिए, और जब हम कलीसिया जाते हैं तो सेवकाई को सुनना चाहिए?
- क्या हमें अपने कलीसियाओ में टेपो को चलाना चाहिए?
- क्या यह हमारे दिन के लिए परमेश्वर की आवाज़ है या नहीं है?
अब, यदि यह बाईबल का सवाल है, तो इसका बाईबल का ही उत्तर होना चाहिए। ये मनुष्यों के झुण्ड से, किसी विशेष संगति से, या किसी शिक्षक से, या किसी संप्रदाय से नहीं आना चाहिए। इसे सीधे-सीधे वचन से आना चाहिए…
इसलिए यदि हम अपने सवालो का सही उत्तर को पाना चाहते हैं, तो हमें अवश्य ही वचनों में जाना चाहिए। इसके बाद, हमें यह अवश्य ही तय करना होगा कि वचनों का दिव्य अनुवादक कौन है। क्या हर एक मनुष्य अपने लिए निर्णय करता है?
एक भविष्यद्वक्ता का अर्थ न ही केवल वचन को बोलना है, लेकिन आगे की बातों को बताना भी है, और वचन का एक दिव्य अनुवाद करना, लिखे हुए दिव्य वचन।
इसलिए यदि भविष्यवक्ता वचनों का दिव्य अनुवादक है, तो उस भविष्यवक्ता ने जो कहा वो उसकी दुल्हन के लिए परमेश्वर का वचन है जिसका अनुवाद पहले ही किया जा चुका है, समय अवधि के लिए।
यह उस सेवकाई से दूर नहीं करता है या उस कार्यपद से जिसके लिए परमेश्वर ने उन्हें बुलाया गया है। उन्हें परमेश्वर ने उस वचन को बनाये रखने के लिए बुलाया है जो परमेश्वर के भविष्यद्वक्ता ने उनके झुंड के सामने कहा। उन्हें अपने लोगों को उस संदेशवाहक और उस घडी के सन्देश की ओर संकेत करना है।
हर एक शब्द जो वे प्रचार करते है उसे अवश्य ही परमेश्वर के भविष्यवक्ता के द्वारा टेप पर कहे गए वचनों से जांचा जाना चाहिए। वे बदल नहीं सकते, न ही वे एक वचन का अनुवाद कर सकते हैं। परमेश्वर के वचनों का अनुवाद केवल उसके भविष्यवक्ता के द्वारा किया गया है।
अब, उनमें से हर एक, अवश्य ही, आप उनके विचार को देख सकते हैं, और मैं उन्हें दोष नहीं दे सकता। हर कोई दावा करता है कि वे सत्य हैं, उनके पास सच्चाई है। और जो लोग उन कलीसियाओं से संबंध रखते हैं, उन्हें इसे विश्वास करना चाहिए, क्योंकि उन्होंने उस कलीसिया की शिक्षा पर उनकी—उनकी मंजिल, उनकी अनन्त मंजिल पर खूंटा गाड दिया है। और वे एक दुसरे से इतने अधिक भिन्न हैं, इतना तक कि यह नौ सौ से भी कुछ अधिक भिन्न-भिन्न सवालो को बनाते है।
यदि परमेश्वर के भविष्यव्यक्ता के द्वारा बोला गया यह संदेश आपका परम सत्य नहीं है, लेकिन आपका परम सत्य कोई एक मनुष्य या वे मनुष्य जो कहते हैं यह वचन है, तो आपकी अनंत मंजिल उस पर विश्राम करती है वे जो कहते हैं।
मेरे शब्द पूरी तरह से किसी भी और, उन सभी सेवकाई के विरुद्ध दिखाई पडते हैं। मैं विरुद्ध नहीं हूं। मेरा विश्वास है कि परमेश्वर ने सच्चे मनुष्यों को उसकी कलीसिया में और अपने झुंड के ऊपर इस संदेश को उनके सामने रखने के लिए उनके कार्यपद पर रखा है। मैं विश्वास करता हूं कि वे इस संदेश का प्रचार करते है और विश्वास करते हैं। लेकिन वे सुनने के लिए सबसे महत्वपूर्ण आवाज के रूप में भाई ब्रंहम को वापस उनके पुलपीट पर क्यों नहीं रखें? वे क्यों उनकी सेवकाई को उसके बराबर रखते हैं और क्यों उस आवाज़ के जितना महत्व देते है?
मलाकी 3 ने कहा, “मैं मार्ग को तैयार करने के लिये मेरे सन्देशवाहक को अपने आगे-आगे भेजूंगा।“ और उस एक को मार्ग तैयार करने के लिये भेजा गया, उसकी पहचान की, उस स्थान को। “यही है वो! वहां कोई गलती नहीं है। यही है वो! मैं उसके पीछे-पीछे एक चिन्ह को आते हुए देखता हूं। मैं जानता हूँ कि यही है वो; एक प्रकाश जो स्वर्ग से नीचे उतर रहा है और उस पर जा रहा है।“ यह वास्तविक था, यह वही था।
तब, मेरे भाई, मैं बंद करते हुए आपसे कुछ पूछना चाहता हूँ। हम हो सकता है इसे कहे। मलाकी 4 में, क्या हमें एक और उकाब की प्रतिज्ञा नहीं की गयी है, एक प्रकाश का स्तंभ उसके पीछे-पीछे आएगा, जो इस दिन पापमय कलीसिया को दिखाएगा कि वो इब्रानियों 13:8 है, “कल, आज, और युगानुयुग एक सा है”? क्या हमें एक और की प्रतिज्ञा नहीं की गयी कि वह जंगल से उड़ते हुए आएगा?
हमें किसका अनुसरण करना है? उस प्रकाश के स्तंभ का। प्रकाश का वह स्तंभ कौन है? वो उकाब, मलाकी 4। किसके सिर पर अग्नि का स्तंभ था यह प्रमाणित करने के लिए कि वो कौन था? विलियम मेरियन ब्रंहम।
हर बार जब हम इकट्ठा होते हैं, तो हमें अवश्य ही उस आवाज को लोगों के सामने रखना चाहिए। हमें अवश्य ही परमेश्वर की आवाज़ को पहले रखना चाहिए। ना ही उस मनुष्य की आराधना करने के लिए, लेकिन उस परमेश्वर की आराधना करने के लिए जो उस मनुष्य में है।
यही वो मनुष्य है जिसे परमेश्वर ने अपनी दुल्हन की अगुवाई करने के लिए चुना था। ये मनुष्य ही वो मनुष्य है जिसे परमेश्वर ने उसके वचन का अनुवाद करने के लिए चुना है। ये मनुष्य ही वो मनुष्य है जिसे परमेश्वर ने उसके सारे रहस्यों को प्रकट करने के लिए चुना है। वो मनुष्य ही वो एक है जिसे परमेश्वर ने कहा, “लोगों को तुम पर विश्वास करने के लिए प्रेरित करो”,”, न कि कोई और या कोई और जो कहता है,, तुम पर, विलियम मेरियन ब्रंहम। ये ही मनुष्य वो एक जो हमें यीशु मसीह से परिचय करवाएगा।
कोई भी पुरुष या महिला मैं जो कहता हूं उसमें कुछ भी डालता है, तो मैं जो कहता हूं वो उस पर विश्वास नहीं करता।
आकर और हमारे साथ श्रीमती यीशु मसीह बनें, इस रविवार को दोपहर 12:00 बजे, जेफरसनविले समयनुसार, जब हम परमेश्वर के चुने हुए मुखपात्र को बोलते हुए और हमें बताते हुए सुनते हैं: परमेश्वर का चुना हुआ आराधना का स्थान 65-0220 ।
भाई जोसफ ब्रंहम
सन्देश से पहले पढ़े जाने वाले वचन:
व्यवस्थाविवरण 16:1-3
निर्गमन 12:3-6
मलाकी 3रा और 4था अध्याय
लूका 17:30
रोमियों 8:1
प्रकाशितवाक्य 4:7