
झुंड में बढती हुई प्रिय दुल्हन,
अब परमेश्वर ने हमेशा अपने मार्गदर्शक भेजे हैं, वह हमेशा बिना एक मार्गदर्शक के, सारे युगों में से होते हुए कभी नहीं रहा है। परमेश्वर के पास हमेशा कोई ऐसा व्यक्ति था जो इस धरती पर, सारे युगों में उसका प्रतिनिधित्व करता था।
परमेश्वर नहीं चाहता है कि हम अपनी समझ पर या किसी भी मनुष्य के बनाये विचारों पर निर्भर रहे। यही कारण है कि वह अपनी दुल्हन के लिए एक मार्गदर्शक को भेजता है; क्योंकि उसके पास समझ होती है, कैसे जाना है और क्या करना है। परमेश्वर ने अपनी योजना को कभी नहीं बदला है। वह कभी भी अपने लोगों के लिए एक मार्गदर्शक भेजने में विफल नहीं रहा है, लेकिन आपको उस मार्गदर्शक को स्वीकार करना होगा।
आपको हर एक उस वचन पर विश्वास करना होगा जो वह अपने मार्गदर्शक के जरिये से कहता है। आपको उसी मार्ग पर जाना होगा जो उसका मार्गदर्शक जाने के लिए कहता है। यदि आप अपने मार्गदर्शक के रूप में किसी दूसरी आवाज़ों को सुनने है और विश्वास करते है, तो आप बस खो जायेंगे।
संत यूहन्ना 16 कहता है कि उसके पास हमें बताने और हमें प्रकट करने के लिए बहुत सारी बातें थीं, इसी प्रकार वह अपनी पवित्र आत्मा को भेजता है ताकि हमारा मार्गदर्शन करे और हमें बताये। उसने कहा कि पवित्र आत्मा हर युग का भविष्यव्यक्ता मार्गदर्शक रहा है। इसी प्रकार, उसके भविष्यव्यक्ताओ को पवित्र आत्मा का प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा गया था ताकि उसकी दुल्हन का मार्गदर्शन करे।
पवित्र आत्मा को कलीसिया का नेतृत्व करने के लिए भेजा जाता है, न कि मनुष्य के किस झुण्ड को। पवित्र आत्मा सर्वज्ञान है। मनुष्य अकड़ जाते है, बेरूख हो जाते है।
यह कोई मनुष्य नहीं है, लेकिन उस मनुष्य में पवित्र आत्मा होता है। वह मनुष्य जिसे वो खुद का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुनता है और हमारा धरती पर का मार्गदर्शक होने के लिए जो हमारे स्वर्गीय मार्गदर्शक के द्वारा चलाये चलता है। जो वचन हमें बताता है हमें उस मार्गदर्शक का पालन करना होगा। कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम क्या सोचते हैं, क्या उचित लगता है, या कोई दूसरा मनुष्य क्या कहता है, हमें इसे विभाजित करने का अधिकार नहीं है, वो मार्गदर्शक ही केवल एक है।
परमेश्वर एक मार्गदर्शक को भेजता है, और परमेश्वर चाहता है कि आप यह याद रखें कि यही उसका नियुक्त किया गया मार्गदर्शक है।
हमारे भविष्यव्यक्ता मार्गदर्शक को परमेश्वर के द्वारा नियुक्त किया है कि उसके वचन को बोले। उसका वचन परमेश्वर का वचन है। भविष्यव्यक्ता मार्गदर्शक, और केवल उसी के पास, वचन का दिव्य अनुवाद होता है। परमेश्वर ने अपने वचन को सीधा-सीधा या अपने होंठ से उसके कान में बोला। इसी प्रकार, आप कभी भी अपने मार्गदर्शक के वचन का विवाद, परिवर्तन या तर्क-वितर्क नहीं कर सकते।
आपको उसका अनुसरण करना ही है, और केवल उसी का। यदि आप नहीं करते हैं, तो आप खो जाएंगे। याद रखें, जब आप उसे छोड़ देते हैं, परमेश्वर के नियुक्त किये गये मार्गदर्शक को, आप अपने ही सहारे रह जाते हो, इसलिए हम मार्गदर्शक के निकट बने रहना चाहते है जिसे वो चुनता है, और जो वो कहता है हर एक उस वचन को सुनते हैं और उसका पालन करते हैं।
हमारे मार्गदर्शक ने हमें सिखाया है कि पुराना नियम नए नियम की छाया थी।
जब इस्राएल ने प्रतिज्ञा किए गए देश के लिए मिस्र को छोड़ा, तो निर्गमन 13:21 में, परमेश्वर जानता था कि उन्होंने पहले कभी इस मार्ग से होकर यात्रा नहीं की है। यह केवल चालीस मील की दूरी पर था, लेकिन फिर भी उन्हें उनके साथ जाने के लिए किस की आवश्यकता थी। वे उनके मार्ग से भटक जायेंगे। इसलिए उसने, परमेश्वर ने, उनके लिए एक मार्गदर्शक भेजा। निर्गमन 13:21, इस तरह से कुछ तो, “मैं अपने दूत को तेरे आगे-आगे भेजता हूं, अग्नि का स्तंभ, तुम्हे मार्ग में बनाये रखने के लिए,” ताकि उन्हें इस प्रतिज्ञा किए गए देश की ओर मार्गदर्शन करे। और इस्राएल के बच्चों ने उस मार्गदर्शक का अनुकरण किया, (रात को) अग्नि का स्तंभ, दिन को बादल के पीछे चले। जब ये रुक जाता, तो वे रुक जाते। जब ये यात्रा करता, तो वे यात्रा करते। और जब वह उन्हें देश के निकट ले गया, और वे वहां जाने के लिए फिट या तैयार नहीं थे, तो वो उन्हें फिर से जंगल की ओर वापस लेकर गया।
उसने कहा कि यह आज की कलीसिया है। हम पहले ही चले गए होते यदि हमने केवल खुद का सुधार किया होता और खुद को व्यवस्थित कर लिया होता, लेकिन उसे हमें वहीं गोल-गोल और गोल-गोल और गोल-गोल नेतृत्व करना पड़ा था।
वे केवल उनके मार्गदर्शक के पीछे जाने के लिए थे जैसे उसने अग्नि के स्तंभ का पीछा किया और सुना। उसने उन्हें बताया कि परमेश्वर ने क्या कहा और वे उसके द्वारा कहे गए हर वचन का पालन करने के लिए थे। वह मार्गदर्शक की आवाज थी। लेकिन उन्होंने परमेश्वर के नियुक्त किये गये मार्गदर्शक के साथ प्रश्न किया और विवाद किया, इस प्रकार वे 40 वर्षों तक जंगल में इधर-उधर भटक रहे थे।
मूसा के दिनों में बहुत सारे सेवक थे। परमेश्वर ने उन्हें लोगों की सहायता करने के लिए नियुक्त किया था, क्योंकि मूसा यह सब नहीं कर सकता था। लेकिन उन सेवको का कर्तव्य था कि लोगों को वापस उस बात की ओर संकेत करे जो मूसा ने कहा था। बाईबल कुछ भी नहीं बताता हैं कि उन सेवको ने क्या कहा, यह केवल वही बताता है कि मूसा ने लोगों को मार्गदर्शन करने के लिए क्या कहा है।
जब परमेश्वर ने मूसा को दृश्य से हटा दिया, तो यहोशू को लोगों का नेतृत्व करने के लिए ठहराया गया था, जो आज पवित्र आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है। यहोशू ने कुछ भी नया प्रचार नहीं किया, न ही उसने मूसा के स्थान को लेने की कोशिश की, न ही जो मार्गदर्शक ने कहा उसने उसका अनुवाद करने की कोशिश की; उसने मात्र वही पढ़ा जो मूसा ने कहा और लोगों से कहा, “वचन के साथ बने रहें। मूसा ने जो कहा, उसके साथ बने रहें”। उसने केवल वही पढ़ा जो मूसा ने कहा।
क्या ही आज का एक सिद्ध नमूना है। परमेश्वर ने एक अग्नि के स्तंभ के द्वारा मूसा को प्रमाणित किया। हमारे भविष्यव्यक्ता को उसी एक अग्नि के स्तंभ के द्वारा प्रमाणित किया गया था। मूसा ने जो वचन बोले थे, वे परमेश्वर के वचन थे और उसे संदूक में रखा गया था। परमेश्वर के भविष्यव्यक्ता ने हमारे दिन में बोला और इसे टेप पर रखा गया था।
जब मूसा को दृश्य से हटा दिया गया था, तो यहोशू को उन लोगों का नेतृत्व करने के लिए ठहराया गया था, ताकि वह मूसा के कहे हुए वचनों को उनके सामने बनाए रखे। उसने उनसे कहा कि वे उस पर विश्वास करें और जो परमेश्वर के मार्गदर्शक ने बोला था उसके हर एक वचन के साथ बने रहें।
यहोशू ने हमेशा ही उस लिपटी हुई पुस्तक में से पढ़ा कि मूसा ने वचन दर वचन क्या लिखा है। उसने हमेशा ही उसके सामने वचन को रखा। हमारे दिन के लिए वचन को नहीं लिखा गया था, लेकिन यह रिकॉर्ड किया गया था जिससे कि पवित्र आत्मा अपनी दुल्हन को चालू करने के बटन को दबाकर, जो कुछ उसने बोला, उसे वचन दर वचन करके सुना सके।
परमेश्वर कभी भी अपनी योजना नहीं बदलता है। वह हमारा मार्गदर्शक है। उसकी आवाज वह है जो आज उसकी दुल्हन का मार्गदर्शन कर रही है और एकजुट कर रही है। हम केवल अपने मार्गदर्शक की आवाज सुनना चाहते हैं जैसे यह हमें अग्नि के स्तंभ के द्वारा अगुवाही करता है। यह मसीह की दुल्हन का अदृश्य मिलाप है। हम उसकी आवाज को जानते हैं।
जब हमारा मार्गदर्शक पुलपीट पर आता है, तो पवित्र आत्मा उस पर उतरता है और अब ये वो नहीं है, लेकिन हमारा मार्गदर्शक होता है। वह अपने सिर को आकाश की ओर ऊपर उठाता है और चिल्लाता है, “यहोवा यों कहता है, यहोवा यों कहता है, यहोवा यों कहता है!” और सारे संसार भर में मसीह की दुल्हन का हर सदस्य सीधे उसके पास आता है। क्यों? हम अपने अगुवे को जानते हैं जिस तरह से वह बात करता है।
हमारा मार्गदर्शक = वचन
वचन = भविष्यव्यक्ता के पास आता है
भविष्यव्यक्ता = परमेश्वर का एकमात्र दिव्य अनुवादक; उसका धरती पर का मार्गदर्शक।
वचन के पीछे बने रहो! ओह, हाँ, श्रीमान! उस मार्गदर्शक के साथ बने रहो। ठीक उसके पीछे बने रहो। उसके आगे मत जाओ, आप उसके पीछे बने रहो। उसे आपका नेतृत्व करने दो, आप उसका नेतृत्व मत करो। आप उसे ये करने दो।
यदि आप खोना नहीं चाहते, तो आकर हमारे मार्गदर्शक को सुनो जब वह इस रविवार को दोपहर 12:00 बजे, जेफरसनविले समय पर उसके धरती पर नियुक्त किये गये मार्गदर्शक के जरिये से बोलता है।
भाई जोसफ ब्रंहम
संदेश:
62-1014E — एक मार्गदर्शक
वचन:
संत मरकुस 16:15-18
संत यूहन्ना 1:1 / 16:7-15
प्रेरितों के काम 2:38
इफिसियों 4:11-13 / 4:30
इब्रानियों 4:12
2 पतरस 1:21
निर्गमन 13:21