रविवार
22 दिसंबर 2024
60-1225
परमेश्‍वर का लिपटा हुआ उपहार

प्रिय श्रीमती यीशु,

ओह परमेश्वर के मेमने, आप संसार के लिए परमेश्वर की ओर से दिये गये महान उपहार हैं। आपने हमें अब तक का सबसे बड़ा उपहार दिया है, अपने आप को। इससे पहले आप तारे की सृष्टी करते, इससे पहले आप पृथ्वी की सृष्टी करते, चंद्रमा, सौरमंडल की सृष्टी करते, आप हमें जानते थे और हमें अपनी दुल्हन बनने के लिए चुना।

फिर जब आपने हमें देखा, आपने हमसे प्रेम किया। हम आपके मांस में का मांस, आपकी हड्डी में की हड्डी थे; हम आपका एक भाग थे। आपने हमसे कितना प्रेम किया और हमारे साथ संगति करना चाहते थे। आप अपना अनंत जीवन हमारे साथ साझा करना चाहते थे। हम तब जानते थे, हम आपकी श्रीमती यीशु होंगे।

आपने देखा कि हम विफल होंगे, इसलिए आपको हमें वापस लाने का एक जरिया प्रदान करना था। हम खो गए थे और बिना आशा के थे। केवल एक ही जरिया था, आपको एक “नई सृष्टी” बनना था। परमेश्वर और मनुष्य को एक होना था। आपको हम बनना था, ताकि हम आप बन सकें। इस प्रकार, आपने हजारों वर्ष पहले अदन के बगीचे में अपनी महान योजना को गति दी।

आप हमारे साथ रहने की बहुत लालसा कर रहे थे, आपकी सिद्ध वचन दुल्हन के साथ, लेकिन आप पहले जानते थे कि आपको हमें वो सब वापस लौटाना होगा जो आरंभ में खो गया था। आपने अपनी योजना को पूरा करने के लिए इस दिन तक रुके रहे और रुके रहे और रुके रहे।

वह दिन आ पहुँचा है। वह छोटा सा झुण्ड जिसे आपने आरंभ में देखा था, यहाँ पर है। आपके ह्रदय प्रिय जो आपको और आपके वचन को किसी भी चीज़ से अधिक प्रेम करता है।

अब ये वो समय था कि आप आकर और खुद को मनुष्य शरीर में प्रकट करें जैसा आपने अब्राहम के साथ किया था, और जैसा आपने तब किया जब आप एक नई सृष्टी बन गए थे। आपने इस दिन के लिए बहुत अधिक लालसा की हैं ताकि आप हमें अपने सभी महान रहस्यों को प्रकट कर सकें जो दुनिया की नींव डालने से लेकर छिपे हुए हैं।

आपको अपनी दुल्हन पर बहुत गर्व है। किस तरह से आप उसे दिखाना पसंद करते है और शैतान से कहना कि, “कोई फर्क नहीं पड़ता तू उनके साथ कुछ भी करने की कोशिश कर ले, वे हिलेंगे नहीं; वे मेरे वचन, मेरी आवाज़ पर समझौता नहीं करेंगे। वे मेरी सिद्ध वचन दुल्हन हैं।” वे मेरे लिए बहुत सुंदर हैं। बस उनकी ओर देखो! उनकी सारी परीक्षाओ और परखे जाने में से होते हुए, वे मेरे वचन के प्रति सच्चे बने रहते हैं। मैं उन्हें एक सनातन का उपहार दूंगा। मैं जो कुछ भी हूं, मैं उन्हें देता हूं। हम एक होंगे।

हम बस इतना ही कह सकते हैं: “यीशु, हम आपसे प्रेम करते हैं। आओ हम आपका हमारे घर में स्वागत करें। आओ हम आपका अभिषेक करें और अपने आंसुओं से आपके पैर धोयें और उन्हें चूमें। आओ हम आपको बताये कि हम आपसे कितना प्रेम करते हैं।”

हम जो कुछ भी हैं, वह आपको देते हैं यीशु। यही हमारा आपको दिया गया उपहार है यीशु। हम आपसे प्रेम करते हैं। हम आपका आदर सत्कार करते है। हम आपकी आराधना करते हैं।

मैं आप प्रत्येक को रविवार दोपहर 12:00 बजे जेफरसनविले समयनुसार हमारे साथ जुड़ने के लिए आमंत्रित करता हूं, और अपने घर में, अपनी कलीसिया में, अपनी कार में, जहाँ भी आप हों, यीशु का स्वागत करें, और मनुष्य को दिया गया अब तक का सबसे बड़ा उपहार प्राप्त करें; परमेश्वर स्वयं आपसे बात कर रहा हैं और आपके साथ संगति कर रहा हैं।

भाई जोसफ ब्रंहम

60-1225 परमेश्वर का लिपटा हुआ उपहार