
प्रिय श्रीमती यीशु मसीह,
यह रविवार यीशु मसीह की दुल्हन के लिए क्या लेकर आएगा? पवित्र आत्मा हमारे लिए क्या प्रकट करने जा रहा है? सिद्ध अनुभूति। अब हम प्रकाशन के द्वारा पूरी तरह समझेंगे, प्रतिनमूने की तुलना नमूने के साथ और पदार्थ या वस्तु की तुलना छाया के। यीशु जीवन की सच्ची रोटी हैं। वो ही जीवन की संपूर्णता हैं। वो एक परमेश्वर हैं। वो इब्रानियों 13:8 हैं। वही मैं हूँ है।
मसीह देह में प्रकट होते हुए और अपने खुद के लहू को बहाते हुए, अपने बलिदान के द्वारा हमारे पापों को हमेशा के लिए दूर कर दिया है; इसलिए अब उसने हमें सिद्ध बनाया है। उसका वही जीवन हम में है। उसके लहू ने हमें शुद्ध किया है। उसकी आत्मा हमें भरती है। उसके कोड़ों ने हमें पहले ही चंगा कर दिया है।
उसका वचन हमारे हृदय और मुँह में है। ये मसीह है जो हमारे जीवन में है और कुछ भी नहीं, जब हमारे जीवन में सब कुछ महत्वहीन होकर ओझल हो जाता है, सिवाय उसके और उसके वचन के।
हमारे ह्रदय आनंद से भर जायेगे जब वह हमें इसे उसके दिव्य आदेश के द्वारा बताता है, वह ठीक-ठीक जानता था कि उसकी दुल्हन कौन होगी। उसने हमें कैसे चुना। उसने हमें बुलाया। वह हमारे लिए मर गया। उसने हमारे लिए कीमत को चुकाया और हम उसी के हैं, और केवल उसी के है। वह बोलता है, और हम आज्ञा का पालन करते हैं, क्योंकि यह हमारा आनंद है। हम उसकी एकमात्र संपत्ति हैं और उसके पास हमारे अलावा कोई नहीं है। वह हमारा राजाओं का राजा है और हम उसके राज्य हैं। हम उसकी अनंत जायदाद हैं।
वह हमें मजबूत करेगा और अपने आवाज़ वचन के द्वारा हमें प्रकाशित करेगा। वह स्पष्ट रूप से समझाएगा और प्रकट करेगा कि वह भेड़ों का द्वार है। वह अल्फा और ओमेगा दोनों है। वह पिता है, वह पुत्र है, और वह पवित्र आत्मा है। वो ही एक है, और हम उसके साथ एक है और उसमें हैं।
वह हमें धीरज को सिखाएगा, जैसा उसने अब्राहम को सिखाया था, यह समझाने के द्वारा कि हमें कैसे धीरजपूर्वक प्रतीक्षा करना चाहिए और सहना चाहिए यदि हम कोई प्रतिज्ञा को प्राप्त करना चाहते हैं।
वह हमें स्पष्ट रूप से उस दिन को दिखाएगा हम जिस दिन में जी रहे हैं। कैसे विश्वव्यापी गतिविधि राजनीतिक रूप से बहुत ही मजबूत हो जाएगा, और कानून में अधिनियमित के सिद्धांतों का पालन करके सभी को उसके साथ जुड़ने के लिए सरकार पर दबाव डालेगा, जिससे कि किसी भी व्यक्ति को कलीसिया के रूप में मान्यता न दी जाए जब तक कि उनके परिषद का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उन पर अधिकार न हो जाये।
वह प्रकट करेगा कि कितने लोग यह सोचते हुए साथ चलेंगे कि वे परमेश्वर की सेवा कर रहे हैं
संगठन के ढांचे में। लेकिन वो हमें बताता है, “डरो मत, क्योंकि दुल्हन भरमायी नहीं जाएगी, हम उसके वचन, उसकी आवाज़ के साथ बने रहेंगे।”
यह सुनना कितना उत्तेजनापूर्ण होगा कि वह हमें बताता है: “दृढ़ रहो, सुरक्षित रहो। कभी पीछे मत हटना, लेकिन परमेश्वर के सारे हथियार बाँध लो, हर एक हथियार, हर एक दान जो मैंने तुम्हें दिया है, वह हमारे प्रयोग करने के लिए उपलब्ध है। कभी निराश मत होना ह्रदयप्रिय, बस आनंद से आगे की ओर देखते रहो क्योंकि मैं, तुम्हारा राजाओं का राजा और प्रभुओं का प्रभु, तुम्हारा पति, तुम्हें ताज पहनाने जा रहा हूँ।”
तुम मेरी सच्ची कलीसिया हो; मेरे पवित्र आत्मा के द्वारा वही परमेश्वर का मंदिर जो तुम्हारे भीतर रहता है। तुम नए मंदिर में स्तंभ बनोगे;
वही बुनियाद जो जटिल रचना को थामे रखेगी। मैं तुम्हें प्रेरितों और भविष्यद्वक्ताओं के साथ जयवंत के नाई बनाऊंगा, क्योंकि मैंने तुम्हें अपने वचन, अपने बारे में एक प्रकाशन दिया है।
वह हमें स्पष्ट रूप से प्रकट करेगा कि हमारे नाम दुनिया की नींव डालने से पहले उसके मेमने की जीवन की पुस्तक में लिखे गए थे। इसलिए हम उसके मंदिर में उसकी सेवा करने के लिए दिन और रात उसके सिंहासन के सामने रहेंगे। हम प्रभु की विशेष देखभाल में हैं; हम उसकी दुल्हन हैं।
उसका नाम लेने के द्वारा हमारा एक नया नाम होगा। यह वो नाम होगा जो हमें तब दिया जाएगा जब वह हमें अपने पास ले जाता है। हम उसकी श्रीमती यीशु मसीह होंगे।
नया यरूशलेम स्वर्ग से परमेश्वर के पास से उतर रहा है, एक दुल्हन जो अपने पति के लिए सजी हुई है। फिर कोई मृत्यु, दुःख, या रोना नहीं होगा। न ही कोई और पीड़ा होगी क्योंकि पिछली बातें बीत चुकी हैं। परमेश्वर के सारी अद्भुत प्रतिज्ञा पूरी होगी। बदलाव पूरा हो जाएगा। मेमना और उसकी दुल्हन हमेशा के लिए परमेश्वर की सारी सिद्धता में बसे रहेंगे।
प्रिय श्रीमती यीशु मसीह, इसके विषय में स्वप्न देखो। यह तुम्हारी कल्पना से भी अधिक अद्भुत होगा।
मैं सभी को इस रविवार दोपहर 12:00 बजे जेफरसनविले समय पर हमारे साथ जुड़ने के लिए आमंत्रित करता हूं, हमारे पति के रूप में, यीशु मसीह अपने शक्तिशाली सातवें दूत के जरिये से बोलता हैं और हमें ये सभी बातें बताता हैं।
भाई जोसफ ब्रंहम
संदेश: फिलेदिलफिया कलीसिया युग 60-1210