प्रिय लज्जित ना होने वाली दुल्हन,
आज के जैसा समय या लोग कभी नहीं रहे। हम उस में हैं, उसने हमारे लिए जो कुछ खरीदा है हम उसके उत्तराधिकारी हैं। वो अपनी पवित्रता को हमारे साथ साझा कर रहा है, जब तक कि हम उसमें परमेश्वर की धार्मिकता नहीं बन जाते।
वो हमें दिव्य विधान के द्वारा पहले से ही जानता था कि हम उसकी दुल्हन होंगे। उसने हमें चुना, हमने उसे कभी नहीं चुना। हम अपनी इच्छा से नहीं आए, यह उसका चुना जाना है। अब उसने हमारे ह्रदय और प्राण में अपने वचन के सम्पूर्ण प्रकाशन को रख दिया है।
दिन प्रति दिन, वह अपने वचन को हम पर प्रकट कर रहा है, अपनी आत्मा को हम पर उंडेल रहा है, अपने उसी जीवन को हम में प्रकट कर रहा है। उसकी दुल्हन कभी भी अपने हृदय में इस प्रकार से स्थिर नहीं हुई है जानते हुए कि वे उसकी सिद्ध इच्छा में हैं, और उसकी योजना में हैं, उसके वचन के साथ रहने के द्वारा, उसकी आवाज को सुनते हुए।
परमेश्वर का प्रेम और यह संदेश हमारे ह्रदय को भर देता है इतना तक कि यह बस उमड़ने लगता है। वहां ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे हम सुनना चाहते हो, उसके विषय में बात करना चाहते हो, उस पर संगति करना चाहते हो या बस एक परिच्छेद को साझा करते है जिसे हमने अभी सुना है और प्रभु की स्तुति करते हैं।
हम मूसा के जैसे है जो वहां पीछे रेगिस्तान में था। हम सर्वशक्तिमान परमेश्वर के आमने-सामने चले हैं, और हम देखते हैं कि वो आवाज़ हमसे बात कर रही है; बिल्कुल ठीक उसी वचन और समय की प्रतिज्ञा के साथ। इसने हमारे साथ कुछ तो किया है। हम इससे लज्जित नहीं होते हैं। हम इसे दुनिया के सामने घोषित करना पसंद करते हैं। हम विश्वास करते हैं कि प्रभु यीशु इस समय का संदेश हैं और हम उसकी दुल्हन हैं।
उसने हमें अपने वचन से मज़बूत किया है। इसमें संदेह की कोई छाया नहीं है, यह परमेश्वर का प्रदान किया हुआ मार्ग है। परमेश्वर अपने वचन के प्रति अपने मन को कभी नहीं बदलता। उसने अपनी दुल्हन को बाहर बुलाने के लिए अपने सातवें दूत को चुना, और फिर उसे अपने वचन के अनुरूप रखता है।
इस जीवन में उसके और उसके वचन के अलावा कुछ भी नहीं है। हमें इससे अधिक नहीं मिल सकता। यह हमारे लिए जीवन से बढ़कर है। सुसमाचार और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की सामर्थ दुनिया भर में पहले से कहीं ज्यादा फैल गई है। वचन अब दुल्हन के हाथों और कानों में है। अलगाव का समय अब जगह ले रहा है, जब परमेश्वर दुल्हन को बुला रहा है, और शैतान कलीसिया को बुला रहा है।
हम आपसे और आपके वचन से प्रेम करते हैं, प्रभु। हमें इससे अधिक नहीं मिल सकता। हम प्रतिदिन आपके वचन की उपस्थिति में बैठते हैं, परिपक्व हो रहे हैं, आपके शीघ्र आगमन के लिए तैयार हो रहे हैं। पिता, यह बहुत ही निकट होना चाहिए। हम इसे महसूस कर सकते हैं, प्रभु। हम बड़ी अपेक्षा के साथ प्रतीक्षा कर रहे हैं।
पिता, ऐसा हो कि हम और अधिक ईमानदार बनें और हमारी प्रतिज्ञाओं को फिर से नवीनीकृत करें। हम जानते हैं कि हमारा विश्वास जो आपके वचन में है हमारे हृदय में जल रहा है। आपने सारे संदेह को दूर कर दिया हैं। वहां पर आपके वचन के अलावा कुछ भी नहीं है। हमें यकीन है, और हम दुनिया को यह बताने में कभी लज्जित नहीं होते है, कि हम आपकी टेप दुल्हन हैं।
मैं दुनिया को आमंत्रित करना चाहता हूँ कि आकर इस रविवार दोपहर 12:00 बजे, जेफरसनविले समय पर हमारे साथ सुनें, जब हम संदेश को सुनते है: लज्जित 65-0711।
भाई जोसफ ब्रंहम
संदेश सुनने से पहले पढ़े जाने वाले वचन:
संत मरकुस 8:34-38
जुडी हुई सेवाएं
प्रिय सिद्ध इच्छा दुल्हन,
दिन निकल चुका है और प्रभु का आगमन निकट है। द्वार बंद हो रहा है और समय निकलते जा रहा है, क्या ऐसा पहले ही नहीं हो चूका है। ये बहुत देर हो चुकी है यहाँ-वहां भटकते फिरना; ये हवा से हिलते हुए सरकंडे की तरह होगा; खुजली वाले कान की तरह होगा। समय आ चूका है साफ़-साफ़ निर्णय को ले। उसकी दुल्हन होने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?
क्या परमेश्वर कभी अपना विचार अपने वचन के प्रति बदलता है?कभी भी नहीं। तब तो हमें हर एक दिन, पूरे ह्रदय से और प्राण से उसकी सिद्ध इच्छा में रहने का प्रयत्न करना चाहिए। हमें अवश्य ही खुद को उसकी इच्छा और उसके वचन के प्रति समर्पित करना चाहिए। इस पर कभी प्रश्न न करें, बस इस पर विश्वास करें और इसे स्वीकार करें। इसके इर्द-गिर्द कोई रास्ते को ढूंढने की कोशिश न करें। इसे वैसे ही ले जैसा यह है।
इस संदेश में भविष्यव्यक्ता हमें बताता हैं कि उसका पूरा उद्देश्य हमें यह दिखाना है कि परमेश्वर को परमेश्वर बने रहने के लिए अपने वचन का पूरा करना होगा, लेकिन बहुत से लोग इसके इर्द-गिर्द जाकर, और कोई दूसरा रास्ता लेना चाहते हैं। जब वे ऐसा करते हैं, तो वे अपने आप को आगे बढ़ते हुए पाते हैं, और परमेश्वर उन्हें आशीष देता हैं, लेकिन वे परमेश्वर द्वारा दी गयी अनुमति की इच्छा में काम कर रहे हैं, न कि उनकी सिद्ध, दिव्य इच्छा में।
भविष्यव्यक्ता हमें वापस वचन की ओर ले जाता है और हमें उदाहरण को देता है कि उसकी ओर देखे, अध्ययन करे, और हमें याद दिलाता है, परमेश्वर अपना विचार नहीं बदलता या अपना तरीका नहीं बदलता है, वह परमेश्वर है और नहीं बदलता है।
अब, हम देखते हैं कि ये दोनों आत्मिक पुरुष थे, दोनों ही भविष्यव्यक्ता थे, दोनों को बुलाया गया था। और मूसा, कर्तव्य की पंक्ति में था, हर एक दिन उसके सामने एक ताजा अग्नि का स्तंभ, परमेश्वर की आत्मा उस पर है, कर्तव्य की पंक्ति में था। यहाँ परमेश्वर का एक और सेवक आता है, जिसे परमेश्वर ने बुलाया है, परमेश्वर ने ठहराया है, एक भविष्यव्यक्ता जिसके पास परमेश्वर का वचन आता है। यहाँ वो खतरे की रेखा है। कोई भी इस बात पर विवाद नहीं कर सकता कि वह परमेश्वर का—परमेश्वर का मनुष्य है, क्योंकि बाईबल ने कहा कि परमेश्वर की आत्मा ने उससे बात की, और वह एक भविष्यव्यक्ता था।
प्रभु, यह कितना नजदीक है? मैं भला कैसे जान सकता हूँ, जब दोनों ही भविष्यव्यक्ता थे? दोनों ही आत्मा से भरे हुए मनुष्य हैं जिन्हें परमेश्वर ने बुलाया है, परमेश्वर के ठहराये हुए है; परमेश्वर के भविष्यव्यक्ता जिनके पास परमेश्वर का वचन आता है। दोनों ही कह रहे हैं कि पवित्र आत्मा उनका नेतृत्व कर रहा है।
आइए परमेश्वर का सांतवा दूत संदेशवाहक क्या कहता है इसके बारे में कुछ परिच्छेदों को ध्यान से पढेंगे और अध्ययन करेंगे। हम वही चाहते हैं जो वह कहता है; न कि वह जो कलीसिया कहती है, जो डॉक्टर जोन्स कहता हैं, या कोई और क्या कहता है। हम वही चाहते हैं जो उसके भविष्यव्यक्ता के द्वारा यहोवा यों कहता है।
मूसा, जो प्रभु के वचन के साथ ठहराया हुआ भविष्यव्यक्ता था, उसने यह प्रमाणित किया कि उसे उस समय पर उनका नेतृत्व करने के लिए चुना गया था , और अब्राहम ने इन सभी बातों की प्रतिज्ञा की थी,…
कोई भी मूसा का स्थान नहीं ले सकता था। चाहे कितने भी कोरह और कितने भी दातान उठ कर खड़े हों जाये; चाहे जो भी हो, यह मूसा ही था, जिसे परमेश्वर ने बुलाया था।
मूसा ही वह एक था जिसे परमेश्वर ने लोगों का नेतृत्व करने के लिए चुना था। अन्य लोग भी उठ खड़े हुए और कहा कि वे अभिषिक्त हैं, वे भी पवित्र आत्मा से भरे हुए लोग हैं। परमेश्वर ने उन्हें भी नेतृत्व करने के लिए बुलाया है। लेकिन मूसा उसकी मूल इच्छा का नेतृत्व करने वाला था कि उनका नेतृत्व करे।
लेकिन, और यदि लोग उसकी सिद्ध इच्छा के अनुसार नहीं चलेंगे, तो उसके पास एक अनुमति दी गयी इच्छा होती है जिसमें वह आपको चलने देगा। ध्यान दें, वह इसकी अनुमति देता है, ठीक है, लेकिन वो अपनी महिमा के लिए, अपनी सिद्ध इच्छा के अनुसार इसे पूरा करेगा। अब यदि आप चाहें तो…
कोई भी परमेश्वर द्वारा अनुमति दी गयी इच्छा में नहीं रहना चाहता है। सच्ची दुल्हन उसकी सिद्ध इच्छा में रहना चाहती है, हर समय, चाहे कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े।
टेप को चलाने के महत्व पर बहुत सारी असहमतियाँ है, विचार है, गड़बड़ी है, राय हैं।
हम सभी जानते हैं कि यही वो वाद-विवाद का विषय है जिससे आज संदेश के विश्वासी लोग अलग-अलग हो चुके है। हम जानते हैं कि दुल्हन को अवश्य ही, और होना ही है, कि एक साथ एकत्र हो; यही वचन है।
आज कलीसिया में आत्मा से भरे हुए, परमेश्वर द्वारा बुलाए गए लोग हैं। वे परमेश्वर के अभिषिक्त मनुष्य हैं जिन्हें इस संदेश का प्रचार करने के लिए बुलाया गया है। लेकिन उनमें से कोई भी ऐसा नहीं है जिस पर हम सभी सहमति दे सकें।
वे भला दुल्हन को एकजुट करने वाले कैसे हो सकते हैं? क्या हम उनकी सेवकाई के इर्द-गिर्द एकजुट हो सकते हैं? सचमुच उन्हें अपने झुंड का नेतृत्व करने के लिए बुलाया गया है, लेकिन उन्हें परमेश्वर की मूल योजना की ओर वापस ले जाना है। जो उसका नेतृत्व करने वाला है। उसका भविष्यव्यक्ता। ना की उनकी सेवकाई।
यदि वे आपको यह नहीं सिखा रहे हैं कि टेप पर जो आवाज़ है, वही वह एक है जिसका अवश्य ही आपको अनुकरण करना चाहिए, और आपको अवश्य ही विश्वास करना चाहिए कि यही सबसे महत्वपूर्ण आवाज़ है जिसे आपको सुनना है, तो वे केवल उसके द्वारा दी गयी अनुमति की इच्छा में हैं।
यदि वे आपको ये बताते हैं कि यह सबसे महत्वपूर्ण आवाज़ है, और वे सचमुच इसका विश्वास करते है, तो वे हर बार जब आप साथ एकत्र होते हैं तो बटन को दबाकर क्यों नहीं चला सकते?
यदि आप निश्चित करना चाहते हैं, निश्चित रूप से, कि आप उसकी सिद्ध इच्छा में हैं, तो केवल एक ही निश्चित तरीका है। वह ये है कि टेप पर परमेश्वर की प्रमाणित आवाज़ को सुने।
पहली बात जो आप जानते हैं, एक टेप उनके घर में चलाई जाती है। बस इतना ही करना है, उसके बाद। यदि वह भेड़ है, तो वह उसके साथ-साथ आती है। यदि वह बकरी है, तो वह टेप को बाहर कर देती है।
मुझे यह अवश्य ही निश्चित करना होगा। मैं ऐसा नहीं कर सकता, और ना ही करूंगा, कि अपनी अनंत मंजिल के साथ जरा सा भी खतरा मोल लूं। मैं जानता हूं कि टेप पर जो आवाज़ है, वह दुल्हन के लिए परमेश्वर की आवाज़ है। मैं जानता हूं कि ये गलतियाँ नहीं करती। मैं जानता हूं कि अग्नि के स्तंभ के द्वारा इसे प्रमाणित किया गया था। मैं जानता हूं कि यह वही है जिसे परमेश्वर ने अपनी दुल्हन का नेतृत्व करने के लिए चुना है। मैं जानता हूं कि यह आवाज़ ही एकमात्र आवाज़ है जो दुल्हन को एकजुट कर सकती है और करेगी। मैं जानता हूं कि यह वही आवाज़ होगी जिसे मैं कहते हुए सुनूंगा “देखो, परमेश्वर का मेमना”।
मुझे बटन को दबाकर चलाना ही है और उस आवाज़ को सुनना है। आपको इस रविवार को दोपहर 12:00 बजे, जेफरसनविले के समयनुसार हमारे साथ आकर जुड़ने के लिए आमंत्रित किया जाता है, जब हम सुनते हैं: 65-0418E क्या परमेश्वर कभी अपना विचार अपने वचन के प्रति बदलता है?
भाई जोसफ ब्रंहम
हम परिच्छेद 61 से संदेश को आरंभ करेंगे।
संदेश सुनने से पहले पढ़ने के लिए वचन:
निर्गमन 19वाँ अध्याय
गिनती 22:31
संत मत्ती 28:19
लूका 17:30
प्रकाशितवाक्य 17वाँ अध्याय
प्रिय मसीह की दुल्हन, आइये हम रविवार को दोपहर 12:00 बजे जेफरसनविले समय पर एक साथ आकर और सुनें 65-0221E–“यह मलिकिसिदक कौन है?”
भाई जोसफ ब्रंहम
जुडी हुई सेवाएं
प्रिय शुद्ध मिलावट रहित वचन की दुल्हन,
हम उसकी प्यारी छोटी सी महिला हैं; मिलावट रहित, किसी भी मनुष्य के संगठन से अछूती, किसी भी मनुष्य की बनाये सिद्धांत से अछूती। हम शुद्ध रूप से मिलावट रहित, वचन की दुल्हन हैं! हम परमेश्वर की गर्भवती बेटी हैं।
हम उसके बोले गए वचन की संतान हैं, जो कि उसका मूल वचन है! परमेश्वर में कोई पाप नहीं है, इसी प्रकार से हममें भी कोई पाप नहीं है, क्योंकि हम उसके अपने स्वरुप में हैं। हम भला कैसे गिर सकते हैं? यह असंभव है…असंभव! हम उसके भाग है, उसके मूल वचन के।
हम बिना किसी संदेह के इसे कैसे जान सकते हैं? प्रकाशन। सम्पूर्ण बाइबल, यह संदेश, परमेश्वर का वचन, ये सब एक प्रकाशन है। इसी तरह से हम इस आवाज़ और अन्य सभी आवाज़ों के बीच की सच्चाई को जानते हैं, क्योंकि यह एक प्रकाशन है। और हमारा प्रकाशन बिल्कुल ठीक वचन के साथ है, ना ही वचन के विपरीत।
और इस चट्टान पर” (वचन क्या है इसका आत्मिक प्रकाशन) “मैं अपनी कलीसिया को बनाऊँगा; और अधोलोक के फाटक कभी भी इसे हिला नहीं सकेंगे।” उसकी पत्नी को अन्य पुरुषों से लुभाई या बहकाई नहीं जाएगी। “मैं अपनी कलीसिया को बनाऊँगा, और अधोलोक के फाटक कभी भी इसे हिला नहीं सकेंगे।”
हम केवल उसके वचन और उसकी आवाज़ के प्रति सच्चे और विश्वासयोग्य रहेंगे। हम कभी किसी अन्य पुरुष के द्वारा अपवित्र नहीं होंगे और व्यभिचार नहीं करेंगे। हम उसकी कुंवारी वचन दुल्हन बने रहेंगे। हम ना ही देखेंगे, सुनेंगे या किसी अन्य शब्द के साथ फसेंगे।
यह हमारे ह्रदय के अंदर है। हमारा कभी कोई भी दूसरा पति नहीं हो सकता, लेकिन हमारा एक पति, यीशु मसीह, एक पुरुष, परमेश्वर, इम्मानुएल होगा। उसकी पत्नी हज़ारों गुना हज़ारों गुना हज़ारों होगी। यह दर्शाता है कि दुल्हन को वचन में से आना है। “एक प्रभु यीशु, और उसकी बहुत सी दुल्हन, एकवचन।”
हमें अवश्य ही याद रखना है और समझना है कि यह सभी के लिए नहीं है, केवल भविष्यव्यक्ता के झुण्ड के लिए है। उसके अपने अनुकरण करने वाले। यह सन्देश केवल उनके लिए है, अर्थात् उस छोटे झुंड के लिए जिसे पवित्र आत्मा ने उसे देखरेख करने के लिए दिया था।
हमें वो जो बताता है उसके लिए परमेश्वर उसे जिम्मेदार ठहराएगा, और परमेश्वर हमें जिम्मेदार ठहराएगा, जो उसके सारे देशो से परिवर्तित हुए लोग है, वे लोग जिसकी उसने मसीह की ओर अगुवाही की, उसके हर वचन पर विश्वास करने और कभी समझौता न करने के लिए जिम्मेदार।
हमारे लिए यह कितना अद्भुत है कि हम बैठकर और उसे सुनें कि हम किस तरह से उसके चुने हुए लोग हैं। कैसे उसकी पहली दुल्हन और दूसरी दुल्हन ने उसे निराश किया; लेकिन हम, उसकी महान अंत-समय की दुल्हन उसे कभी भी निराश नहीं करेंगे। हम अंत तक उसकी सच्ची, विश्वासयोग्य, कुंवारी वचन दुल्हन बने रहेंगे।
उसके वचन में हमारा विश्वास हर दिन और अधिक बढ़ता जा रहा है। हम उसके हर एक वचन को सुनने और उसका पालन के द्वारा, उसकी आवाज़ को हमसे बात करते हुए सुनने के द्वारा, हमारी बाईबल को पढ़ते हुए, प्रार्थना करते हुए और दिन भर उसकी आराधना करते हुए खुद को तैयार कर रहे हैं।
हम जानते हैं कि वह बहुत ही जल्द आ रहा है। किसी भी मिनट। जैसे की नूह, हम आशा कर रहे थे कि वह बीते कल आ रहा था; हो सकता है आने वाले कल सुबह को, दोपहर को, शाम को, लेकिन हम जानते हैं कि वह आ रहा है। परमेश्वर का भविष्यव्यक्ता और उसका वचन कभी गलती नहीं करते, वह आ रहा है। हम महसूस करते है कि यह 7वाँ दिन है, और हम बादलों को बनते हुए देख सकते है और भारी बारिश की बूँदें गिरते हुए देख सकते हैं; समय आ पहुंचा है।
हम जहाज में सुरक्षित और सही हैं, बड़ी अपेक्षा के साथ प्रतीक्षा कर रहे हैं। आकर हमारे साथ जुड़ें जब हम इस रविवार को दोपहर 12:00 बजे जेफरसनविले समय पर परमेश्वर की आवाज़ को हमें आश्वासन देते हुए सुनते हैं, जब हम सुनते हैं: विवाह और तलाक 65-0221M।
भाई जोसफ ब्रंहम
संदेश सुनने से पहले पढ़ने के लिए वचन:
संत मत्ती 5:31-32 / 16:18 / 19:1-8 / 28:19
प्रेरितों के काम 2:38
रोमियों 9:14-23
पहला तीमुथियुस 2:9-15
पहला कुरिन्थियों 7:10-15 / 14:34
इब्रानियों 11:4
प्रकाशितवाक्य 10:7
उत्पत्ति 3 अध्याय
लैव्यव्यवस्था 21:7
अय्यूब 14:1-2
यशायाह 53
यहेजकेल 44:22
जुडी हुई सेवाएं
प्रिय श्रीमती यीशु मसीह,
यदि हम हमारे जीवन में किसी भी चीज़ के बारे में सवाल पूछना चाहते हैं, तो उसका एक सच्चा जवाब होना चाहिए। कुछ ऐसा जवाब, जो हो सकता है उसके आसपास हो, लेकिन हर सवाल का एक सच्चा, सीधा जवाब होना है। इसलिए, हमारे जीवन में आने वाले हर एक सवाल का एक सच्चा, सही जवाब होना चाहिए।
यदि हमारे पास बाईबल से कोई सवाल है, तो उसका बाईबल से जवाब होना है। हम नहीं चाहते कि यह जवाब मनुष्यों के किसी झुण्ड से आए, कोई एक फलां संगति से, या किसी शिक्षक से, या किसी संप्रदाय से आये। हम चाहते हैं कि यह सीधे वचनों में से आए। हमें जानना अवश्य है: उसकी आराधना करने के लिए परमेश्वर का सच्चा और सही स्थान क्या है?
परमेश्वर ने चुना कि वो मनुष्य से भेंट करे; जो किसी कलीसिया में नहीं था, ना किसी संप्रदाय में था, ना किसी संस्था में, लेकिन मसीह में था। यही वो एकमात्र स्थान है जहाँ परमेश्वर मनुष्य से भेंट करेगा, और वह परमेश्वर की आराधना कर सकता है, जो मसीह में है। यही वो एकमात्र स्थान है। कोई फर्क नहीं पड़ता आप मेथोडिस्ट हों, बैपटिस्ट हों, कैथोलिक हों, प्रोटेस्टेंट हों, जो कोई भी आप हो, केवल एक ही स्थान है जहाँ पर आप सही तरह से परमेश्वर की आराधना कर सकते हैं, जो मसीह में है।
परमेश्वर की आराधना करने के लिए एकमात्र सही और चुना हुआ स्थान यीशु मसीह है; यही उसका एकमात्र प्रदान किया गया मार्ग है।
बाईबल ने मलाकी 4 में हमें एक उकाब की प्रतिज्ञा की है; एक प्रकाश स्तंभ जिसका हमें अनुसरण करना है। वो गुमराह होती कलीसिया को दिखाएगा कि वह इब्रानियों 13:8 है, यीशु मसीह कल, आज और युगानुयुग एक सा है। हमें लूका 17:30 में यह भी प्रतिज्ञा की गयी कि मनुष्य का पुत्र (उकाब) अपनी दुल्हन के लिए अपने आप को प्रकट करेगा।
प्रकाशितवाक्य 4:7 में, यह हमें बताता है कि चार पशु थे, जिनमें से पहला एक सिंह था। अगला पशु एक बैल था। फिर, अगला आने वाला एक मनुष्य था; मनुष्य सुधारक थे, मनुष्य की शिक्षा, धर्मज्ञान, और आदि-आदि।
लेकिन बाईबल ने कहा कि संध्या के समय, आने वाला अंतिम पशु एक उड़ता हुआ उकाब था। परमेश्वर अपने अंतिम समय की दुल्हन के लिए एक उकाब को प्रदान करेगा; जो स्वयं मनुष्य का पुत्र है, जो स्वयं को देह में प्रकट करता है ताकि अपनी दुल्हन का नेतृत्व करे।
बाईबल यह भी बताती है कि पुराने नियम में सारी पुरानी बातें, ये आने वाली चीजों की छाया थीं। जैसे-जैसे वह छाया नजदीक होती जाती है, नेगेटिव या वो छाया वास्तविकता में समा जाती है। उस समय जो बात घटित हुई वह आज जगह लेने वाली बातों की छाया है।
पहला शमूएल 8 में, पुराने नियम हमें बताता है कि परमेश्वर ने लोगों का नेतृत्व करने के लिए शमूएल भविष्यव्यक्ता को प्रदान किया था। लोगों ने उसके पास जाकर और उससे कहा कि उन्हें एक राजा चाहिए। शमूएल इतना निराश हो गया था कि उसका हृदय लगभग टूट गया।
परमेश्वर अपने लोगों का इस पवित्र, वचन के प्रमाणित भविष्यव्यक्ता के जरिये से नेतृत्व कर रहा था और उसे ऐसा महसूस हुआ कि उसे अस्वीकार कर दिया गया था। उसने लोगों को एकत्र किया और उनसे विनती की कि वे उस परमेश्वर से मुंह को ना मोड़े जिसने उन्हें बच्चों की तरह संभाला था, और उन्हें फलने-फूलने को लगाया और उन्हें आशीषित किया। लेकिन वे हठ्ठी बने रहे।
उन्होंने शमूएल से कहा, “तुम अपने नेतृत्व करने में कभी गलत नहीं रहे हो। तुम अपने धन संबंधी लेन-देन में कभी बेईमान नहीं रहे हो। तुमने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया है ताकि हमें प्रभु के वचन की रेखा में बनाये रखो। हम अद्भुत कामों की, बुद्धिमत्ता की, परमेश्वर के प्रबंध और सुरक्षा की सराहना करते हैं। हम इसमें विश्वास करते हैं। हम इसे पसंद करते है। और इसके अतिरिक्त, बिना इसके नहीं रहना चाहेंगे। बस हम ये चाहते हैं कि कोई राजा हमें युद्ध में नेतृत्व करे।
अब यकीनन जब हम युद्ध के लिए निकलते है तो हमारा लक्ष्य अभी भी यही है कि याजक आगे-आगे जाए और यहूदा उसके पीछे-पीछे चले, और हम तुरही को बजाये और जयजयकार करे और गाये। हम इनमें से किसी को भी रोकने का इरादा नहीं रखते। लेकिन हम एक ऐसा राजा चाहते हैं जो हम में से एक हो कि हमारा नेतृत्व करे ।”
यह उस दिन के संप्रदाय के लोग नहीं थे। यह असल में वे लोग थे जिन्होंने दावा किया था कि वह परमेश्वर का सच्चा भविष्यव्यक्ता था जिसे परमेश्वर ने उनका नेतृत्व करने के लिए चुना था।
“हाँ, तुम एक भविष्यव्यक्ता हो। हम संदेश पर विश्वास करते हैं। परमेश्वर तुम पर अपना वचन प्रकट करता है, और हम इसे पसंद करते है, और हम इसके बिना नहीं रहना चाहते, लेकिन हम चाहते हैं कि तुम्हारे अलावा कोई और हमारा नेतृत्व करे; जो हमारे अपने में से एक हो। हमारा अभी भी कहने का यही अभिप्राय हैं कि हम तुम्हारे द्वारा लाए गए संदेश पर विश्वास करते हैं। यह वचन है। तू भविष्यवक्ता हैं, लेकिन तू एकमात्र या सबसे महत्वपूर्ण आवाज़ नहीं हैं।”
आज संसार में अच्छे लोग हैं, अच्छी कलिसियाये हैं। लेकिन एक ही श्रीमती यीशु मसीह हैं, और हम ही वो हैं, वो एक जिनके लिए वह आ रहा हैं; उसकी पवित्र कुंवारी वचन दुल्हन जो परमेश्वर की एकमात्र प्रमाणित और सिद्ध आवाज़ के साथ बनी रहेगी जो कि यहोवा यो कहता है।
यदि आप इस रविवार को दोपहर 12:00 बजे, जेफरसनविले समय पर हमारे साथ जुड़ना चाहते हैं, तो हम तब भी संसार भर में फ़ोन के जरिये से प्रसारण को सुन रहे होंगे। यही है जो होने जा रहा है।
मेरे भाइयों, बहनों, मेरे दोस्तों, आज रात यहाँ जो इस स्थान पर और बाहर फ़ोन के जरिये से जुड़े है, आगे बढ़ो। बहुत से भिन्न-भिन्न राज्य, वहां बहुत दूर पूर्वी तट से लेकर पश्चिम तक सुन रहे हैं। मैं प्रार्थना करता हूँ, प्रिय परमेश्वर, वहां बहुत दूर उस ओर ट्युसान में, कैलिफ़ोर्निया में, ऊपर नेवादा और इडाहो में, वहां दूर पूर्व की ओर और आसपास, टेक्सास में; जब इस निमंत्रण को दिया जाता है, तो लोग छोटी-छोटी कलिसियाओं, पेट्रोल भरने के स्थान में, घरों में—में बैठकर सुनते हैं। हे परमेश्वर, होने पाए इस समय जो खोये हुये पुरुष या महिला, लड़का या लड़की है, वह आपके पास आ जाए। इसे ठीक अभी प्रदान करें। हम यीशु के नाम में यह प्रार्थना करते हैं कि वे सुरक्षित स्थान को पा ले जब कि यह समय है।
अब, प्रभु, उस चुनौती का सामना किया जा चूका है, कि शैतान, वह बड़ा धोखेबाज, उसे परमेश्वर की संतान को पकड़ के रखने का कोई अधिकार नहीं है। वह एक हारा हुआ जीव है। यीशु मसीह, एकमात्र आराधना का स्थान, एकमात्र सच्चा नाम, उसने उसे कलवरी पर हरा दिया है। और हम अभी उसके लहू का दावा करते हैं, कि उसने हर एक बीमारी, हर एक रोग को हरा दिया है।
और मैं शैतान को इस सभा के लोगों को छोड़ने के लिए कहता हूँ। यीशु मसीह के नाम में, इन लोगों से बाहर आ, और वे आजाद किये जाए।
जो कोई भी लिखित वचन के आधार पर अपनी चंगाई को स्वीकार करता है, अपने पैरों पर खड़े होने के द्वारा अपनी गवाही को दें और कहें, “मैं अब यीशु मसीह के नाम में अपनी चंगाई को स्वीकार करता हूँ।” अपने पैरों पर खड़े हो जाये।
परमेश्वर की स्तुति हो! आप वहाँ पर है। इधर देखे, अपंग लोग और इत्यादि उठ कर खड़े हो रहे है। परमेश्वर की स्तुति हो! ऐसा ही है। केवल विश्वास करे। वो यहाँ पर है।
भाई जोसफ ब्रंहम
परमेश्वर का चुना हुआ आराधना का स्थान 65-0220
संदेश सुनने से पहले पढ़ने के लिए वचन:
व्यवस्थाविवरण 16:1-3
निर्गमन 12:3-6
मलाकी 3रा और 4था अध्याय
लूका 17:30
रोमियों 8:1
प्रकाशितवाक्य 4:7